prakash ka apvartan class 10th subjective
कक्षा 10वीं के विज्ञान का पहला अध्याय “प्रकाश का परावर्तन” एक महत्वपूर्ण विषय है, खासकर मैट्रिक परीक्षा 2025 के लिए। इस अध्याय में प्रकाश की किरणों के परावर्तन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर दिया गया है जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं। इसके अलावा इस विषय से संबंधित ऑब्जेक्टिव प्रश्न भी इस वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जिन्हें हल करके आप अपनी तैयारी को मजबूत बना सकते हैं। इन ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का अभ्यास करने से न केवल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की संभावना बढ़ेगी बल्कि विषय की समझ भी और गहरी होगी।
1. प्रकाश क्या है ?
उत्तर⇒ प्रकाश एक अनुप्रस्थ विद्युत चुंबकीय तरंग है जो हमें दृष्टि संवेदना देती है प्रकाश हमेशा सीधी रेखा में गमन करती है यह ऊर्जा का एक रूप है |
नोट :- प्रकाश हमेशा सीधी रेखा में गमन करती है। प्रकाश एक विद्युत चुंबकीय तरंग है।
प्रकाश की चाल:- 3 लाख km/s
या, 3105 km/s
या, 3108 m/s
या, 3,00,000 km/s
2. प्रकाश हमेशा सीधी रेखा में गमन क्यों करती है ?
Ans:- ब्रह्मांड में जब भी कोई घटना घटती है और उस घटना में दूरी तय करने का प्रश्न होता है तो उस रास्ते का चयन होता है जो सबसे संक्षिप्त रास्ता हो और हम सभी जानते हैं कि सीधा ही वह पथ है जो सबसे छोटा हो सकता है तो यही कारण है कि प्रकाश सीधी रेखा में गमन करती है।
3. किरण पुंज किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर⇒प्रकाश हमेशा समूह में चलती है जिसे किरण पुंज या प्रकाश पुंज कहा जाता है प्रकाश पुंज को फोटोन भी कहा जाता है |
यह मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
(i) अपसारी किरणपुंज
(ii) समांतर किरणपुंज
(iii) अभिसारी किरणपुंज
(i) अपसारी किरणपुंज:- ऐसा किरण पुंज जो एक बिंदु से निकलकर विभिन्न दिशाओं में फैलती है अब सारी किरण पुंज कहलाती है जैसे:- बल्ब या लैंप किसी प्रकाश स्रोत से निकलने वाला प्रकाश
(ii) समांतर किरणपुंज:- ऐसा किरण पुंज जिसका किरण आपस में कभी नहीं मिलती है समांतर किरण पुंज का कहलाती है जैसे:-सूर्य से आने वाला किरण पुंज
(iii) अभिसारी किरणपुंज:- ऐसा किरण पुंज जिसके किरण किसी एक बिंदु पर आकर मिलती है अभिसारी किरण पुंज कहलाती है |
4. प्रकाश के गति के आधार पर वस्तुओं का वर्गीकरण करें
Ans:-प्रकाश की गति के आधार पर वस्तुओं को तीन भागों में बांटा गया है
(i) पारदर्शी वस्तु (Transparent Object) –
ऐसे पदार्थ जिससे होकर प्रकाश पूरी तरह से आरपार जाती है, पारदर्शी कहलाती है जैसे बिना पॉलिश किया हुआ सीसा , शुद्ध जल इत्यादि
सीसा:-
शुद्ध जल:-
(ii) अपारदर्शी वस्तु (Opaque Object) –
ऐसे पदार्थ जिससे होकर प्रकाश आर पार नहीं जाती है अपारदर्शी कहलाती है जैसे लकड़ी, किताब , लोहा इत्यादि
लकड़ी:-
किताब:-
लोहा:-
(iii) पारभासी वस्तु (Translucent Object) –
ऐसे पदार्थ जिससे होकर प्रकाश का कुछ हिस्सा आर पार जा सकती अर्धपारदर्शी या पारभासी कहलाती है जैसे रगड़ा हुआ सीसा , तेल लगा हुआ कागज इत्यादि
रगड़ा हुआ सीसा:-
दूध:-
प्रकाश के गुण (Properties of Light)-
(i) प्रकाश का अवशोषण (Absorption of Light) -प्रकाश की वह घटना जिसमें प्रकाश वायुमंडल में मौजूद कणों द्वारा अवशोषित होता है।
5. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर⇒ जब कोई प्रकाश किरण किसी माध्यम से चलकर किसी चिकनी सतह या दर्पण से टकराने के बाद पुनः उसी माध्यम में लौट जाती है तो उसे प्रकाश का परावर्तन कहते हैं|
संक्षेप में⇒ प्रकाश के किसी वस्तु से टकराकर वापस लौटने को प्रकाश का परावर्तन करते हैं|
6. प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें
उत्तर⇒प्रकाश के परावर्तन के दो नियम है-
(i) आपतित किरण परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर डाला गया लंब तीनों एक ही तल पर होते हैं |
(ii) आपतन कोण,परावर्तन कोण के बराबर होता है |
परावर्तन कितने प्रकार के होते हैं वर्णन करें या नियमित परावर्तन तथा अनियमित परावर्तन में अंतर स्पष्ट कीजिए
Ans:- परावर्तन दो प्रकार के होते हैं
1). नियमित परावर्तन (Regular Reflection) : जब प्रकाश की किरणे अच्छी तरह पॉलिश की हुई चिकनी समतल सतह से टकराती है तो वे अपने पहले माध्यम में एक निश्चित दिशा में वापस लौट आती है। इस प्रकार के परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं।
2). विसरित परावर्तन (Diffused Reflection) :यदि परावर्तन सतह समतल नहीं हो और इसमें अनियमिताएँ हो तो परावर्तित किरणें संभव दिशाओं में विसरित हो जाती है। इस प्रकार के परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते हैं
7. प्रतिबिंब किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं
उत्तर⇒जब कोई प्रकाश किरण किसी वस्तु या बिंब से चलकर किसी दर्पण या लेंस से परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर कटती है या कटती हुई प्रतीत होती है उसे उस बिंदु का प्रतिबिंब कहलाती है|
दो प्रकार के होते हैं-
(i) वास्तविक प्रतिबिंब
(ii) आभासी या काल्पनिक प्रतिबिंब
(i) वास्तविक प्रतिबिम्ब (Real Image)- वास्तविक प्रतिबिम्ब तब बनता है जब किसी वस्तु से परावर्तित किरणें वास्तव में किसी बिन्दु पर मिलती हैं।
(ii) आभासी प्रतिबिम्ब (Virtual Image)- आभासी प्रतिबिम्ब तब बनता है जब वस्तु से परावर्तित किरणें किसी बिन्दु पर मिलती हुई दिखाई देती है।
8. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब की विशेषता को लिखे
उत्तर⇒समतल दर्पण द्वारा बनने वाले प्रतिबिंब की विशेषता निम्नलिखित है-
(i) प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है|
(ii) प्रतिबिंब दर्पण से पीछे बनता है|
(iii) प्रतिबिंब का पासर्व परिवर्तन उल्टा होता है|
(iv) प्रतिदिन उतने ही पीछे बनता है जितना की वस्तु आगे होती है|
9. गोलीय दर्पण किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर⇒ऐसा दर्पण जिसका परावर्तक सतह गोलीय हो,गोलीय दर्पण कहलाता है |गोलीय दर्पण खोखले गोले का काट होता है |
यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
(i) अवतल दर्पण
(ii) उत्तल दर्पण
10. अवतल दर्पण किसे कहते हैं? इनके उपयोग को लिखें |
उत्तर⇒ऐसा गोलीय दर्पण जिसका उभरे हुए तल पर पोलिस कर दबे हुए तल से प्रकाश का परावर्तन किया जाए,अवतल दर्पण कहलाता है |
इसका उपयोग मुख्यत⇒ दाढ़ी बनाने में, टॉर्च, वाहनों के हेड लाइट, सर्च लाइट में एवं डॉक्टरों के द्वारा रोगी के नाक, कान ,गले, दातों की जांच करने एवं सौर भट्टी में किया जाता है |
11. उत्तल दर्पण किसे कहते हैं ?इनके उपयोग को भी लिखें?
उत्तर⇒ऐसा गोलीय दर्पण जिसका दबे हुए ताल पर पॉलिश कर,उभरे हुए तल से प्रकाश का परावर्तन किया जाए उत्तल दर्पण कहलाता है|
12. उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर लिखें
उत्तर ⇒ अवतल एवं उत्तल दर्पणों में निम्नलिखित अंतर है।
अवतल दर्पण | उत्तल दर्पण |
(i) इसका परावर्तक सतह अन्दर की ओर धसा होता है। | (i) इसका परावर्तक सतह बाहर की ओर उठा (उभरा) होता है। |
(ii) इसका फोकस सामने और फोकस दूरी ऋणात्मक होता है। | (ii) इसका फोकस पीछे और फोकस दूरी धनात्मक होती है। |
(iii) यह वस्तु का वास्तविक और काल्पनिक दोनों प्रकार का प्रतिबिंब बनाता है। | (iii) यह वस्तु का केवल काल्पनिक प्रतिबिंब बनाता है। |
13. आवर्धन किसे कहते हैं?
उत्तर⇒प्रतिबिंब की ऊंचाई और वस्तु की ऊंचाई के अनुपात को आवर्धन कहा जाता है यह मात्रक विहीन राशि है |
उदाहरण:
- सूक्ष्मदर्शी (Microscope) में आवर्धन का उपयोग सूक्ष्म जीवों को बड़ा दिखाने के लिए किया जाता है।
- दूरदर्शी (Telescope) में आवर्धन का उपयोग दूर स्थित खगोलीय पिंडों को बड़ा करके दिखाने के लिए किया जाता है।
14. गोलीय दर्पण की फोकस दूरी और उसकी वक्रता त्रिज्या में क्या संबंध है ?
उत्तर⇒ गोलीय दर्पणों की फोकस दूरी (Focal Length, f) और उनकी वक्रता त्रिज्या (Radius of Curvature, R) के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध होता है। किसी भी गोलीय दर्पण (अवतल या उत्तल) के लिए फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या का आधा होती है।
15. मुख्य अक्ष से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ गोलीय दर्पण के ध्रुव (P) से वक्रता-केन्द्र (C) को मिलने वाली रेखा को दर्पण का प्रधान या मुख्य अक्ष कहते हैं।
16. कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आवर्द्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है ?
उत्तर ⇒
17. एक आदमी का चेहरा 24 cm लंबा है और 20 cm चौड़ा है। उसके पूरे चेहरे को देखने के लिए दर्पण कम-से-कम किस आकार का होना चाहिए ?
उत्तर ⇒ जब किसी व्यक्ति का पूरा चेहरा देखने के लिए दर्पण की आवश्यकता होती है, तो दर्पण का आकार व्यक्ति के चेहरे के आकार का आधा होना चाहिए। इसका कारण यह है कि दर्पण में दिखाई देने वाली छवि वस्तु से समान दूरी पर और समान आकार की होती है। इसलिए, किसी वस्तु को पूरा देखने के लिए दर्पण की केवल आधी ऊँचाई और चौड़ाई ही पर्याप्त होती है।
18. उस अवतल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 cm है।
उत्तर ⇒ अवतल दर्पण (Concave Mirror) की फोकस दूरी (Focal Length) और वक्रता त्रिज्या (Radius of Curvature) के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध होता है। किसी भी अवतल दर्पण की फोकस दूरी उसके वक्रता त्रिज्या का आधा होती है।
19. एक अवतल दर्पण के सामने 27 cm की दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब दर्पण से 54 cm पर उसी ओर बनता है जिस ओर वस्तु है, तो दर्पण से प्राप्त आवर्द्धन कितना होगा ?
उत्तर ⇒ अवतल दर्पण में प्रतिबिंब के आवर्धन (Magnification) को निकालने के लिए हम निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करते हैं:
20. एक आदमी समतल दर्पण के सामने से 2 m/s वेग से दूर जा रहा है। वह समतल दर्पण में अपने प्रतिबिंब से कितने वेग से दूर हट रहा है ?
उत्तर ⇒
21. अवतल एवं उत्तल दर्पण के फोकस एवं फोकस-दूरी में क्या अंतर है ?
उत्तर ⇒अवतल दर्पण का फोकस वास्तविक और फोकस दूरी ऋणात्मक होता है जबकि उत्तल दर्पण का फोकस काल्पनिक एवं फोकस-दूरी धनात्मक होता है।
22. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्द्धन +1 है। इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर ⇒m = +1 दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब, बिम्ब के साइज के बराबर है। m का धनात्मक चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा है।
23. दर्पण का द्वाराक किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ किसी दर्पण की कुल लंबाई को द्वारक कहा जाता है | इसे A द्वारा सूचित किया जाता है |
24. छाया किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब किसी अपारदर्शी वस्तु से प्रकाश टकराती है तब उस वस्तु के पीछे एक काली धुंधली आकृति बनती है, जिसे छाया कहलाता है | छाया बनने के लिए यह आवश्यक है कि वस्तु पर पूरी तरह से प्रकाश पड़े |
25. 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिम्ब 10 cm के दूरी पर रखा है। प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर ⇒
26. पार्श्व परिवर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब हम अपना प्रतिबिब समतल दर्पण में देखते ,तो हमारा दायाँ हाथ प्रतिबिंब में बाएं हाथ में दिखाई देता है । पार्श्व परिवर्तन कहते हैं
27. हजामत बनाने के लिए किस तरह के दर्पण का प्रयोग किया जाता है और क्यों ?
उत्तर ⇒हजामत बनाने के लिए अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि जब चेहरा अवतल दर्पण के ध्रुव (P) तथा फोकस (F) के बीच होता है तो दर्पण में चेहरे का बड़ा, सीधी तथा आभासी प्रतिबिंब बनता है।
28. प्रकाश की प्रकृति की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर ⇒प्रकाश की प्रकृति की विशेषताएँ निम्न हैं।
(i). प्रकाश निर्वात में भी गमन कर सकता है।
(ii) इसकी चाल माध्यम की प्रकृति पर आधारित होती है।
(iii) प्रकाश विधुत चुम्बकीय विकिरण है।
29. उत्तल दर्पण को साइड मिरर के रूप में क्यों उपयोग किया जाता है ?
उत्तर ⇒उत्तल दर्पण को साइड मिरर के रूप में प्रयोग किया जाता है क्योंकि वे किसी वस्तु का हमेशा सीधा प्रतिबिम्ब बनाता है, यद्यपि वह छोटा होता है इसका दृष्टि क्षेत्र काफी बड़ा होता है। क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होता है।
30. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं ?
उत्तर ⇒ हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता देते हैं क्योंकि ये सदैव सीधा व आभासी प्रतिबिंब बनाते हैं। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक होता है जिससे ड्राइवर अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ होता है।
31. अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण एवं उत्तल दर्पण का अपसारी दर्पण कहते हैं। क्यों ?
उत्तर ⇒मुख्य-अक्ष के समांतर एवं निकट आपतित किरणों को अवतल दर्पण एक बिंदु पर अभिसारित करता है जबकि उत्तल दर्पण उसे एक बिंदु से अपसरित करता है। इसीलिए अवतल दर्पण को अभिसारी और उत्तल दर्पण का अपसारी दर्पण कहते हैं।
32. वास्तविक और काल्पनिक (आभासी) प्रतिबिंब को परिभाषित करें ?
उत्तर ⇒ वास्तविक प्रतिबिंब : किसी वस्तु से आती हुई प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर वास्तव में मिलते हैं, उसे उस वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं।
काल्पनिक (आभासी) प्रतिबिंब : किसी वस्तु से आती हुई प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु से आती हुई मालूम पड़ती है, उसे उस वस्तु का काल्पनिक या आभासी प्रतिबिंब कहते हैं।
33. वास्तविक और काल्पनिक प्रतिबिंब में अन्तर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर ⇒वास्तविक और काल्पनिक प्रतिबिंब में निम्न अन्तर हैं –
वास्तविक प्रतिबिंब : | काल्पनिक प्रतिबिंब: |
(i) यह वास्तविक किरणों के मिलने से बनता है। | (i) यह काल्पनिक किरणों के मिलने से बनता है। |
(ii) यह हमेशा वस्तु की अपेक्षा उल्टा होता है। | (ii) यह हमेशा वस्तु की अपेक्षा सीधा होता है। |
(iii) इसे पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। | (iii) इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है। |
34. अवतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का काल्पनिक और आवर्धित प्रतिबिंब कब बनता है? किरण आरेख द्वारा दर्शाएँ।
उत्तर ⇒ यदि वस्तु को अवतल दर्पण के ध्रुव एवं फोकस-बिंदु के बीच रखा जाए, तो बना प्रतिबिंब आभासी एवं आवर्धित होगा।
चित्र में वस्तु AB की स्थिति ध्रुव P एवं फोकस बिंदु F के बीच हैं, जिसका आर्वर्धित, आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब A’B‘ बना हैं।
35. प्रधान फोकस और फोकस मं क्या अंतर है ?
उत्तर ⇒प्रधान फोकस दर्पण के प्रधान-अक्ष पर रहता है, जबकि प्रकाश की समांतर किरणें दर्पण से परावर्तित होने के बाद जिस बिंदु पर फोकसित होती है, उसे फोकस कहते हैं। अत: यह आवश्यक नहीं है कि फोकस दर्पण के प्रधान-अक्ष पर ही हो।
36. अवतल, उत्तल एवं समतल दर्पण के दो-दो उपयोगों को लिखिए ?
उत्तर ⇒ अवतल दर्पण के दो उपयोग –
(i) दाढ़ी बनाने में
(ii) डॉक्टरी जाँच में
उत्तल दर्पण के दो उपयोग –
(i) साइड मिरर के रूप में
(ii) सड़क बत्ती के परावर्तक सतह में
समतल दर्पण के दो उपयोग –
(i) सोलर कुकर के परावर्तक सतह
(ii) ऐनक के रूप में
37. जब अवतल दर्पण का उपयोग (i) हजामती दर्पण के रूप में तथा (ii) डॉक्टर के दर्पण के रूप में किया जाता है, तो वस्तु की स्थिति क्या होनी चाहिए ?
उत्तर ⇒ (i) फोकस और ध्रुव के बीच में। (ii) फोकस पर।
38. गोलीय दर्पण के ध्रुव और वक्रता-केन्द्र को परिभाषित करें ?
उत्तर ⇒ध्रुव-गोलीय दर्पण के ज्यामितीय केन्द्र को दर्पण का ध्रुव कहते हैं।
वक्रता-केन्द्र :गोलीय दर्पण जिस खोखले गोले का भाग होता है, उस गोले के केन्द्र को दर्पण वक्रता-केन्द्र कहते हैं।
39. गोलीय दर्पण के मुख्य फोकस या फोकस किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒मुख्य-अक्ष के समांतर एवं निकट आपतित किरण दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य-अक्ष के जिस बिंदु पर अभिसरित होती है या जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, उस बिंदु को गोलीय दर्पण का फोकस कहते हैं।
40. गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी और वक्रता-त्रिज्या किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ फोकस-दूरी :गोलीय दर्पण के ध्रुव और फोकस के बीच की दूरी को फोकस-दरी कहते हैं।
वक्रता-त्रिज्या : गोलीय दर्पण के ध्रुव और वक्रता-केन्द्र के बीच की दूरी को वक्रता-त्रिज्या कहते हैं।