Europe mein rashtrawad subjective question
कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान विषय में “यूरोप में राष्ट्रवाद” (Europe mein rashtrawad) अध्याय से संबंधित लघु उत्तरीय तथा दीर्घ लघु उत्तरीय प्रश्नों का हल यहां पर उपलब्ध है। इस वेबसाइट पर आपको कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान के सभी ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर और विषय आधारित प्रश्नों के उत्तर भी मिल जाएंगे, जो आपकी Matric Board Exam 2025 की तैयारी में मदद करेंगे। आप इस वेबसाइट से Social Science vvi Objective Questions भी डाउनलोड कर सकते हैं ताकि आप परीक्षा की बेहतर तैयारी कर सकें।
Class 10 History Chapter 1 question answer in Hindi pdf
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न : ( 20 शब्दों में उत्तर दें )
प्रश्न- 1. राष्ट्रवाद क्या हैं?
उत्तर:- राष्ट्रवाद राष्ट्र के प्रति प्रेम और लगाव की एक भावना है। ये एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों में एकता की भावना जगाता है।
प्रश्न-2. मेजिनी कौन था?
उत्तर:- मेजिनी इटली के एक साहित्यकार थे जो गणतांत्रिक विचारो के समर्थक और योग्य सेनापति था। इटली के एकीकरण में मेजिनी का महत्वपूर्ण योगदान था। उनमें व्यवहारिक गुण कम एवं आदर्शवादी गुण अधिक था।
प्रश्न -3. जर्मनी के एकीकरण की बाधाएं क्या थी?
उत्तर:- जर्मनी के एकीकरण की निम्नलिखित बाधाएं थी
(i) जर्मनी का लगभग 300 छोटे बड़े राज्यों में खंडित होना।
(ii) जर्मनी में धार्मिक, राजनीतिक तथा सामाजिक विषमताएँ होना ।
(iii) लोगों में राष्ट्रवाद की भावना का अभाव होना ।
(iv) शक्तिशाली राज्य प्रशा द्वारा अन्य राज्यों पर प्रभाव बनाए रखना आदि।
प्रश्न-4. मेटरनिख युग क्या हैं?
उत्तर:- 1815 ई0 से 1848 ई0 के बीच के समय को यूरोप में मेटरनिख युग कहा जाता है। क्योंकि 1815 ई0 में आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख का वियना काँग्रेस (सम्मेलन) का नेतृत्व करने के साथ मेटरनिख युग का शुरुआत हुआ और 1848 ई0 की क्रांति के बाद मेटरनिख युग का अंत हो गया था।
यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Class 10 Notes in Hindi
- लघु उत्तरीय प्रश्न :- (60 लगभग शब्दों में उत्तर दें )
प्रश्न-1. 1848 ई0 के फ्रांसीसी क्रांति के कारण क्या थे?
उत्तर- 1948 ई0 के फ्रांसीसी क्रांति के कारण:- 1840 ई0 में ‘गीजों’ को फ्रांस का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया
था। इस के शासनकाल में कोई भी सुधारात्मक कार्य नहीं हुआ जिससे देश में बेरोजगारी एवं भूखमरी बढ़ गया था सरकार के इन नीतियों के खिलाफ लोग प्रदर्शन करने लगे और जुलूस निकालने लगे जो 1848 ई0 के फ्रांसीसी क्रांति होने का कारण रहा था।
प्रश्न-2. इटली जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका क्या थी?
उत्तर:- इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया बहुत बड़ा बाधक था। 1830 ईस्वी के क्रांति के बाद इटली में आंदोलन होना प्रारंभ हो गया था लेकिन ऑस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख द्वारा आंदोलन को दबा दिया गया जिससे इटली का एकीकरण धीमा पड़ गया। इसी प्रकार जर्मनी में भी मेटरनिख द्वारा राष्ट्रीय आंदोलनों को दबाया जा रहा था
प्रश्न-3. यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
उत्तर:- यूरोप में राष्ट्रवाद की भावना के विकास में नेपोलियन बोनापार्ट का महत्वपूर्ण योगदान था। नेपोलियन बोनापार्ट ने जर्मन प्रदेशों को जीतकर राईन राज्य संघ का निर्माण किया था और यहीं से जर्मनी में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ने लगी थी जो धीरे-धीरे यूरोप के अन्य क्षेत्रों में फैलने लगा था
भारत में राष्ट्रवाद का उदय प्रश्न उत्तर
प्रश्न-4. गैरीबाल्डी के कार्यों का चर्चा करें।
उत्तर:- इटली के एकीकरण में गैरीबाल्डी का महत्वपूर्ण योगदान था। यह पेशे से एक नाविक था। उन्होंने युवकों की एक सशक्त सेना “लाल कुर्ती” बनाया था। इन सैनिकों को लेकर इन्होंने सिसली तथा नेपल्स को जीत कर वहाँ गणराज्य की स्थापना किया। बाद में इन्होंने अपनी सारी संपत्ति राष्ट्र को दान कर साधारण किसान की भांति जीवन गुजरने लगा
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :- (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें )
प्रश्न -1. विलियम -i के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था, कैसे?
उत्तर:- विलियम-i ने जर्मनी के एकीकरण के उद्देश्य से बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया था। जर्मनी के एकीकरण के लिए उसने अनेकों युद्ध किए और जर्मनी के एकीकरण में अपना महान योगदान दिया। यदि विलियम-I बिस्मार्क को चांसलर नहीं बनाया होता तो विलियम-i के बगैर बिस्मार्क के लिए जर्मनी का एकीकरण करना असंभव था।
कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान यूरोप में राष्ट्रवाद
प्रश्न-2. इटली के एकीकरण में मेजिनी, क़ाबूर और गैरीबाल्डी के योगदान को बतावें!
उत्तर:- इटली के एकीकरण में मेजिनी, क़ाबूर और गैरीबाल्डी के योगदान निम्नलिखित हैं।
मेजिनी का योगदान:- इनका उद्देश्य ऑस्ट्रिया के प्रभाव से इटली को मुक्त करवाना तथा इटली का एकीकरण करना था । राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर इन्होंने गुप्त क्रांतिकारी संगठन ‘काबानरी’ की सदस्यता ग्रहण की। अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उन्होंने ‘यंग इटली’ तथा ‘यंग यूरोप’ की भी स्थापना किया था।
क़ाबूर का योगदान:- क़ाबूर ने भी इटली के एकीकरण में सबसे बड़ा बाधक आस्ट्रिया को मानता था 1860-61 में क़ाबूर ने सिर्फ रोम को छोड़कर उत्तर तथा मध्य इटली की सभी रियासतों को मिला लिया था और जनमत संग्रह कर इसे पुष्टि भी कर लिया था।
गैरीबाल्डी का योगदान:-गैरीबाल्डी का महत्वपूर्ण योगदान था। ये पेशे से एक नाविक था। उन्होंने युवकों की एक सशक्त सेना लाल ” कुर्ती बनाया था। इन सैनिकों को लेकर इन्होंने सिसली तथा नेपल्स को जीत कर वहाँ गणराज्य की स्थापना किया। बाद में इन्होंने अपनी सारी संपत्ति राष्ट्र को दान कर साधारण किसान की भांति जीवन गुजरने लगे।
प्रश्न- 3. जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर:- प्रशा का राजा विलियम प्रथम ने जर्मनी के एकीकरण को ध्यान में रखकर बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क एक प्रख्यात राष्ट्रवादी और कूटनीतिज्ञ था। बिस्मार्क का मानना था कि जर्मनी का एकीकरण आदर्शवादी से नहीं बल्कि ‘रक्त और तलवार’ की नीति से होगा। इसके लिए सबसे पहले बिस्मार्क ने आर्थिक सुधारों के द्वारा प्रशा की स्थिति को सुधारा तथा सैनिक शक्तियों को भी मजबूत किया। उन्होंने जर्मनी के एकीकरण के लिए डेनमार्क,ऑस्ट्रिया तथा फ्रांस के साथ युद्ध किया तथा सेडान के युद्ध में फ्रांसीसीयों को बुरी तरह से हराया। सेडान के युद्ध के बाद जमनी का उदय महाशक्ति के रूप में हुआ। इस प्रकार बिस्मार्क उपर्युक्त नीतियों द्वारा जर्मनी के एकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था
यूरोप में राष्ट्रवाद के महत्वपूर्ण प्रश्न 2025
प्रश्न-4. राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभाव की चर्चा करें।
उत्तर:- राष्ट्रवाद के उदय के कारण :-
(i) यूरोप में फ्रांसीसी क्रांति तथा नेपोलियन की विजय शक्ति से राष्ट्रवादी भावनाओं का उदय हुआ।
(ii) नेपोलियन ने अपने द्वारा विजय प्राप्त राज्यों में राष्ट्रवाद की भावना को जगाने लगा।
(iii) शिक्षित मध्यम वर्ग जैसे- शिक्षक, व्यापारी आदि के उदय से राष्ट्रवादी भावनाओं का विकास हुआ। ऐसे वर्ग क्रांतियों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया था।
राष्ट्रवाद के उदय का प्रभाव:-
(i) राष्ट्रवाद के उदय के प्रभाव से अनेक क्रांतियां और आंदोलन हुए।
(ii) जिससे अनेक नए राष्ट्रों का उदय हुआ।
(iii) यूरोपीय राष्ट्रवाद के विकास का प्रभाव एशिया और अफ्रीका में भी पड़ा और यहां भी राष्ट्रीय आंदोलन प्रारंभ होने लगा।
(iv) राष्ट्रवाद के उदय के प्रभाव से निरंकुश शासकों का प्रभाव कमजोर हो गए।
(v) राष्ट्रवाद की भावना से यूरोप के प्रत्येक शक्तिशाली
सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 यूरोप में राष्ट्रवाद प्रश्न और उत्तर
प्रश्न-5. जुलाई 1830 ई0 की क्रांति का विवरण दें।
उत्तर:- जुलाई 1830 की क्रांति चार्ल्स-x के शासनकाल में हुआ था जो फ्रांस में उभर रहे राष्ट्रीयता एवं क्रांति को दबा रहा था। चार्ल्स-x ने पोलिग्नेक को प्रधानमंत्री बनाया। पोलिग्नेक प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘समान नागरिक संहिता’ के स्थान पर ‘शक्तिशाली अभिजात्य वर्ग की स्थापना तथा उसे विशेष अधिकार देने का प्रयास किया। पोलिग्नेक के विरोध में आवाज उठाने लगा। इस विरोध के जवाब के रूप में चार्ल्स-x ने 25 जुलाई 1830 ई0 को चार अध्यादेशों द्वारा उदारवादियों को दबाने का प्रयास किया। फिर इन अध्यादेशों के विरोध में पेरिस में क्रांति की लहर दौड़ गई जो फ्रांस का जुलाई 1830 की क्रांति था।
प्रश्न-6. यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर:- यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन:- यूनान का अपना गौरवमय अतीत रहा है लेकिन इसके बावजूद भी यूनान तुर्की साम्राज्य के अधीन था। फ्रांसीसी क्रांतिओं से यूनान के लोगों में भी राष्ट्रवादी भावनाओं की लहर जगी। तुर्की शासन से स्वयं को अलग करने के लिए यूनान के लोगों ने भी आंदोलन करने लगा। तुर्की शासक आंदोलन को दबाने लगा और आंदोलन में शामिल यूनान के लोगों को बुरी तरह से कुचलने लगा। फिर लंदन में हुआ एक सम्मेलन के निर्णय अनुसार इंग्लैंड, फ्रांस तथा रूस ने मिलकर तुर्की के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इस संयुक्त कार्रवाई से तुर्की युद्ध में बुरी तरह हार गई।
परिणाम- :तुर्की शासन से मुक्ति पाकर यूनान एक
स्वतंत्र राष्ट्र घोषित हुआ।
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