arthvyavastha evam uske vikas ka itihaas
बिहार बोर्ड के Class 10 BSEB के छात्रों के लिए अर्थशास्त्र एक महत्वपूर्ण विषय है, जो उनके सामाजिक और आर्थिक समझ को बढ़ाने में सहायक होता है। इस विषय में छात्र मौलिक आर्थिक सिद्धांतों से परिचित होते हैं, जैसे मांग और आपूर्ति, उपभोक्ता और उत्पादक के व्यवहार, राष्ट्रीय आय का निर्धारण, और भारत की अर्थव्यवस्था की संरचना। इसके जरिए वे यह भी समझते हैं कि हमारे समाज में विभिन्न आर्थिक प्रक्रियाएँ कैसे काम करती हैं और देश की आर्थिक व्यवस्था का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। Class 10 BSEB की अर्थशास्त्र की पढ़ाई छात्रों को भविष्य में आर्थिक निर्णय लेने में सक्षम बनाती है और उनके जीवन में आर्थिक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती है। और आज किस पोस्ट में Class 10 BSEB अर्थशास्त्र के पहला अध्याय अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास के संपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्नों ( Short Type Questions & Long Type Questions Answer ) को पढ़ेंगे |
अर्थव्यवस्था एवं विकास का इतिहास notes
➢पंडित जवाहरलाल नेहरू योजना आयोग के प्रथम अध्यक्ष थे।
➢भारत की पहली पंचवर्षीय योजना का काल 1951-1956 था ।
➢ 6 अगस्त 1952 ई० को राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन हुआ था ।
➢राष्ट्र विकास परिषद में राज्य के मुख्यमंत्री पदेन सदस्य होते हैं ।
➢योजना आयोग में कुल 8 सदस्य होते हैं |
➢ वस्तु से वस्तु का लेनदेन वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाता है ।
➢शिक्षा सुचना एवं ज्ञान का सर्वसुलभ साधन कैप्प्यूटर है ।
➢गोवा की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक एवं बिहार का प्रति व्यक्ति आय सबसे कम हैं
➢ बिहार का उत्तरी भाग बाढ़ से एवं दक्षिणी भाग सूखा से प्रभावित होता है।
➢ ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी एवं शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी से कम भोजन करने वाले लोग गरीबी रेखा के नीचे कहलाते हैं |
➢अंग्रेजों ने भारत का भरपूर शोषण किया ।
➢अंग्रेजी शासन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को अपना एक उपनिवेश बनाया था ।
➢अंग्रेजों ने ” फूट डालो और शासन करो” की नीति अपनाई |
➢आजादी के बाद भारत के प्राथमिक क्षेत्र में कमी आई |
➢भारत एक कृषि प्रधान देश है |
➢ वे सभी क्रियाएं जिनसे हमें आय प्राप्त होती है आर्थिक क्रिया कहलाती है।
➢अर्थव्यवस्था समाज की सभी आर्थिक क्रियाओं का योग है।
➢कृषि को प्राथमिक क्षेत्र, औद्योग को द्वितीयक क्षेत्र एवं सेवा को तृतीयक क्षेत्र कहा जाता है।
➢अर्थ का नियोजन आर्थिक नियोजन कहलाता है।
➢भारत में योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 को हुआ था।
➢योजना आयोग को भंग कर नीति आयोग बनाया गया है।
➢योजना आयोग और नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री ही होते हैं।
➢ 2005 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा नरेगा या मनरेगा योजना लाया गया था ।
➢ जिसमें मजदूरों को कम से कम वर्ष में 100 दिन तक काम दिया जाना था |
➢ जिस देश की राष्ट्रीय आय अधिक हो वह देश विकसित कहलाता
➢ A.T.M Full Form– Automatic Teller Machine है।
➢ NAREGA Full Form-National Rural Employment Gurrenty Act
लघु उत्तरीय प्रश्न
Q.1- अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं ?
उत्तर अर्थव्यवस्था समाज के सभी आर्थिक क्रियाओं अथवा, अर्थव्यवस्था आजीविका अर्जन करने के लिए प्रणाली है
Q.2-मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है ?
उत्तर :-मिश्रित अर्थव्यवस्था पूंजीवादी एवं साम्यवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण है। मिश्रित अर्थव्यवस्था जहां उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सरकार तथा निजी व्यक्तियों दोनों के पास होता है। भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है ।
Q.3-संगत विकास क्या है ?
उत्तर-ऐसा विकास जो जारी रह सके, टिकाऊ बना रह सके सतत विकास में न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ी के विकास को भी ध्यान में रखा जाता है |
Q.4- आर्थिक नियोजन क्या है ?
उत्तर – राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुसार देश के संसाधनों का विकास के कार्य में उपयोग करना आर्थिक नियोजन कहलाता है।
प्रश्न.5- मानव विकास रिपोर्ट क्या है?
उत्तर- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित ‘मानव विकास रिपोर्ट’विभिन्न देशों की तुलना वहाँ के लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है । मानव विकास रिपोर्ट के अंतर्गत मानव विकास सूचकांक के तीन सूचक है ।
(i) जीवन आशा
(ii) शिक्षा प्राप्ति
(iii) जीवनस्तर
प्रश्न.6- आंतरिक संरचना पर प्रकाश डालें ।
उत्तर- आंतरिक संरचना का अभिप्राय उन सुविधाओं तथा सेवाओं से है जो देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं । वे सभी तत्व जैसे- बिजली,स्कूल, कालेज, अस्पताल बैंकिंग, यातायात आदि देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है जिन्हें देश का आंतरिक संरचना कहा जाता है ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न.1-अर्थव्यवस्था की संरचना से आप क्या समझते हैं? इन्हें कितने भागों में बांटा गया है?
उत्तर- अर्थव्यवस्था की संरचना या ढांचा का अर्थ विभिन्न उत्पादन के क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था के विभाजन से है । किसी भी अर्थव्यवस्था में विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाएं जैसे- कृषि, उद्योग, परिवहन, बैंकिंग आदि संगदिल होळी है । इन्हीं क्रियाओं के अभारद्वार: भारतीय अर्थव्यवस्था को तीन भागों में विभाजित किया गया है ।
(i) प्राथमिक जाता-प्राथमिक क्षेत्र इसके प्राथमिक अंतर्गत क्षेत्र कृषि को, पशुपालन”कृषि क्षेत्र, मछली भी पालन, जंगल से लकड़ी प्राप्त करना) आदि आर्थिक क्रियाएँ आते हैं ।
(ii) द्वितीयक क्षेत्र-द्वितीय क्षेत्र को “औद्योगिक क्षेत्र”भी कहा जाता है इसके अंतर्गत उद्योग-धंधे, खनिज व्यवसाय, निर्माण कार्य आदि आर्थिक क्रियाएँ आते है ।
(iii) तृतीयक क्षेत्र-तृतीय क्षेत्र को “सेवा क्षेत्र” भी कहा जाता है इसके अंतर्गत बैंकिंग एवं बीमा, परिवहन, संचार एवं व्यङ्मार आदि आर्थिक क्रियाएं आते है
प्रश्न.2-आर्थिक विकास क्या है? आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में अंतर बतावें ।
उत्तर- आर्थिक विकास- आर्थिक विकास वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत किसी भी देश या राज्य की प्रतिव्यक्ति आय में एक लंबी अवधि तक वृद्धि होती है । आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पाइकना दर कँला स्तर प्राप्त करना होता है ।आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि में अंतर सामान्यतः आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में कोई अंतर नहीं माना जाता है । दोनों को एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है । लेकिन अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों के द्वारा इन दोनों में निम्न अंतर बताते हैं ।श्रीमती उर्सला हिक्स के अनुसार आर्थिक वृद्धि शब्द का प्रयोग आर्थिक दृष्टि से विकसित अर्थव्यवस्थाओं(देशों) के लिए किया जाता है जबकि आर्थिक विकास शब्द का प्रयोग अविकसित या विकासशील अर्थव्यवस्थाओं(देशों)के लिए किया जा 2/3 है
प्रश्न.3-आर्थिक विकास की माप कुछ सूचकांको के द्वारा करें ।
उत्तर- किसी भी देश के आर्थिक विकास को निम्न सूचकांकों के द्वारा मापा जाता है ।
(i) राष्ट्रीय आय- राष्ट्रीय आय को आर्थिक विकास का एक प्रमुख सूचक माना जाता है । सामान्य तौर पर जिस देश का राष्ट्रीय आय अधिक होता देवदेश विकसित कहलाता है और जिस देश का राष्ट्रीय आय कम होता है वह देश अविकसित कहलाता है ।
(ii) प्रतिव्यक्ति आय विश्व बैंक की विश्व विद्यास रिपोर्ट -2006 के अनुसार जिन देशों 2004 में प्रतिव्यक्ति आय 4,53,000 रुपया प्रतिवर्ष या इससे अधिक है तो वह विकसित देश है और जिन देशों का प्रतिव्यक्ति आय 37,000 रुपया प्रतिवर्ष या इससे कम है तो उन्हें निम्न आय वाला देश(विकासील) कहा जाता है ।
(iii) मानव विकास सूचकांक(HDI)- मानव विकास देश का सूचकांक जो शून्य से एक तक होता है । जिस मानव विकास सूचकांक जितना अधिक होता है वे देश उतना ही समृद्ध होता है ।
प्रश्न.4-बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के क्या कारण है? बिहार के पिछड़ेपन दूर करने के लिए कुछ मुख्य उपाय बतावे?
उत्तर- बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के निम्नलिखित कारण है ।
(i) जनसंख्या वृद्धि-बिहार की जनसंख्या काफी तेजी
से बढ़ा है जो बेरोजगारी, गरीबी आदि को जन्म दिया है ।
(Ii) आधारिक संरचना का अभाव- CC यहां की आधारिक संरचना जैसे- यातायात, बैंकिंग, संचार आदि कमजोर अवस्था में है ।
(iii) कृषि का पिछड़ापन- तथा बिहार के कृषि में नए प्रयोग-नए आधुनिक तकनीक वैज्ञानिक तरीकों का कम होने से राज्य की कृषि पिछड़े अवस्था में है ।
(iv) कृषि का पिछड़ापन- बिहार के तरीकों कृषि का में नए प्रयोग-नए आधुनिक तकनीक तथा वैज्ञानिक कम होने से राज्य की कृषि पिछड़े अवस्था में है ।
(v) बाढ़ एवं सूखा से क्षति- बिहार का उत्तरी क्षेत्र 3/5
बाढ़ एवं दक्षिणी क्षेत्र सुखार मार हमेशा झेलता है ।
(vi) उद्योगीकरण का अभाव- बिहार के विभाजन के बाद यहां के औद्योगिक क्षेत्र झारखंड जाने से राज्य में बड़ा उद्योग नहीं है ।
(vii) गरीबी- बिहार में गरीबी का कुचक्र है ।
(viii) खराब विधि व्यवस्था- खराब विधि व्यवस्था के -कारण भी बिहार पिछड़ा है ।
पिछड़ेपन को दूर करने के उपाय:
(i) जनसंख्या पर नियंत्रण किया जाए ।
(ii) कृषि के क्षेत्र में विकास किया जाए ।
(iii) बाढ़ पर नियंत्रण किया जाए ।
(iv) आधारिक संरचना का विकास किया जाए ।
(v) उद्योगों की विकास किया जाए
(vi) गरीबी दूर किया जाए ।
(vii) शांति विधि व्यवस्था की स्थापना किया जाए
(viii) स्वच्छ तथा ईमानदार प्रशासन व्यवस्था का निर्माणन किया जाए ।
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